हैलो दोस्तो आज मै आपके लिए ले कर आया हूँ दिल को छू लेने वाली एक बहुत ही प्यारी कहानी। ये कहानी है एक छोटी सी गरीब लड़की की, जो सड़क के किनारे नगें पांव गुलदस्ते बेच रही थी। आइये इस विडियो के माध्यम से जानते है कि भगवान का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं..! अगर आपको ये पोस्ट पसंद आये तो आप इसे जरूर शेयर किजिएगा और ऐसी ही दिल को छू लेने वाली कहानी देखने के लिए हमारे हमारे page को जरूर follow किजिएगा।
हैलो दोस्तो आज मै आपके लिए ले कर आया हूँ दिल को छू लेने वाली एक बहुत ही प्यारी कहानी। ये कहानी है एक छोटी सी गरीब लड़की की जो सड़क के किनारे नगें पांव गुलदस्ते बेच रही थी। तो चलिए शुरू करते है ये कहानी…
दोपहर का समय था बहुत तेज धुप थी और एक बच्ची जला देने वाली गर्मी में नंगे पैर गुलदस्ते बेच रही थी। लोग उसमे भी मोलभाव कर रहे थे। एक सज्जन वहाँ से गुजर रहे थे और सज्जन को उसके पैर देखकर बहुत दुःख हुआ, उनसे रहा नहीं गया और उन सज्जन ने अपनी चप्पल उतारी और उसे देते हुए कहा
‘बेटा लो, ये चप्पल पहन लो’।
लड़की को यह देखकर रोना आ गया और चप्पल लेने के लिए मना करने लगी।
तब सज्जन ने कहा बेटा तुम ये ले लो मैं और ले लुगां।
लेकिन लड़की नहीं मानी। सज्जन के बार बार समझाने पर लड़की ने चप्पल ले ली।
चप्पल पहनते ही उसका चेहरा ख़ुशी से दमक उठा।
वो उस सज्जन की तरफ पल्टी और हाथ थाम कर पूछा,
‘आप भगवान हैं ?’
उसने घबरा कर हाथ छुड़ाया और कानों को हाथ लगा कर कहा,
‘नहीं बेटी, नहीं, मैं भगवान नहीं’।
लड़की फिर मुस्कुराई और कहा,
‘तो फिर जरूर भगवान के दोस्त होंगे।
क्योंकि मैंने कल रात भगवान से कहा था कि मेरे पास एक भी चप्पल नहीं है मुझे चप्पल दे दो’। वो सज्जन मुस्कुरा दिया और उसके माथे को प्यार से चूमकर अपने घर की तरफ चल पड़ा।
अब वो सज्जन भी जान चुके थे कि
‘भगवान का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं।’
खुशियां बांटने से बढ़ती हैं
हमारे यहां दान की परंपरा यानी देने का सुख प्राचीन काल से चला आ रहा है। कहा जाता है कि घर की तिजोरी में बंद पड़ा धन अगर किसी की सेवा में, सहायता में, स्कूल व अस्पताल बनाने में, किसी भूखे को भोजन देने में खर्च कर दिया जाए तो उससे बढ़कर धन का और कोई इस्तेमाल नहीं हो सकता।
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